रविवार, 30 अक्तूबर 2011

आखिर कब तक? जागिए


"क्रिकेट संभवत: विश्व में सबसे कम देशों द्वारा खेला *जाने वाला खेल है। विश्व का कोई भी विकसित राष्ट्र क्रिकेट नहीं खेलता है ,क्योंकि हर विकसित देश अपने नागरिकों की ताकत को, राष्ट्र निर्माण में नागरिकों के महत्तव को जानता है । क्रिकेट तो ऐसा खेल है जो टाइमपास का ऐसा जरिया बना दिया गया कि बचपन से ही हर किसी को क्रिकेट कि लत लगा दी गई है।
अमेरिका,जापान,रुस,चीन,फ्रान्स,जर्मनी इत्यादि तमाम विकसित
राष्ट्रों ने क्रिकेट को कभी नहीं अपनाया। इसका सीधा सा कारण यही है कि इस खेल में सबसे अधिक समय लगता है और आज के प्रतिस्पर्धा के युग में कोई भी देश अपना ज्यादा समय महज खेल देखने पर व्यय करने को राजी नहीं है।
भारतदेश के नेता बहुत चालाक है। वे जानते कि भारतवासियों को क्रिकेट के नशे में चूर रखे रखने में ही फायदा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और राष्ट्रपति
आसिफ अली जरदारी को मैच देखने के लिए आमंत्रित किया था !भारत पाक क्रिकेट मैच (2011 विश्व कप फाईनल)के मौके पर भारत के कई राज्य सरकारों ने आधे दिन का अवकाश ही घोषित कर दिया
क्रिकेट के नशे में चूर देशवासी यह पूछने की स्थिति में ही नहीं होते कि देश की सुरक्षा का क्या हो रहा है।
1.आतंकवाद को पनपाने वाले पाकिस्तान को रोकने के लिए भारत की सरकार क्या कर रही है।
2. संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को अब तक फांसी क्यो नहीं दी जा रही है।
3.मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को सजा-ए-मौत क्यो नहीं दी जा रही है!
4.सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नामों को सार्वजनिक किए जाने के मामले में सरकार से पूछा है कि आखिर देश को लूटने वाले का नाम सरकार क्यों नहीं बताना चाहती है?
5.अन्ना हज़ारे के जन लोकपाल विधेयक पारित क्यों नहीं हो रहा है ! 6.चीन जो कि हमें हमें आर्थिक रूप से गुलाम बना चुका है खाने से त्यौहार तक हम चीन पर निर्भर हो गए हैं,वाही चीन जिसकी मिसाइलों कि जद में हमारा हर शहर है ,पूर्वोत्तर को जो अपनी बपोती मानता है ,जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान का अभिन्न अंग मानता है,हमेशा उससे दोस्ती की बातें की जाती हैं ।
7.इसी नशे का असर है कि करोडों निर्दोष भारतीयों का खून बहा चुके पाकिस्तान जैसे शत्रु राष्ट्र की गतिविधियों पर भारतवासियों को कोई आपत्ति तब तक नहीं होती जब तक क्रिकैट जारी रहता है। शायद यही कारण है कि भारत में और कोई भी मौसम लगातार नहीं बना रहता लेकिन क्रिकेट का मौसम बारहों महीने छाया रहता है। अभी विश्व कप निपटा नहीं कि आईपीएल आता है ,टीम इंडिया इंग्लैंड में क्रिकेट के हर प्रारूप में उस समय हारती है जब अन्ना के आन्दोलन की विचारधारा चरम पर थी . क्रिकेट कोई नहीं देखना चाहता था ,क्रिकेट में सट्टेबाजी को हर कोई जानता है ,अब भारत ने इंग्लैंड का सूपड़ा साफ़ कर दिया तो हर भारतवासी झूम उठा , महंगाई, घोटाले,भ्रष्टाचार आतंकवाद इत्यादि सभी चलते रहेंगे लेकिन जब क्रिकेट का नशा कायम है देशवासियों को किसी बात से दुख नहीं होगा । क्या यही हमारी नियति बन चुका है ? आखिर कब तक हम सोते रहेगे ?समय है जागिये ,सोचिये आने वाली नस्ल को हम क्या विरासत में यही कुछ देकर जायगें ?